Skip to main content

सीएसएस फॉन्‍ट - CSS Font Style


     पिछली पोस्‍ट में हमने टेक्‍स्‍ट स्‍टाइल करना सीखा था । इस पोस्‍ट में हम फान्‍ट (वर्ण) परिवर्तन व डिजाइन करना सीखेंगे । टेक्‍स्‍ट और फॉन्‍ट में सामान्‍य तौर पर देखा जाय तो कोई अन्‍तर विशेष नहीं है किन्‍तु वेब डिजाइनिंग में दोनों दो यूनिट हैं । टेक्‍स्‍ट से आशय किसी भी टेक्‍स्‍ट से होता है किन्‍तु फान्‍ट का विशेष प्रकार होता है जैसे - टाइम्‍स न्‍यू रोमन, क्रुतिदेव आदि । अर्थात् टेक्‍स्‍ट का डिजाइन करते समय हम केवल फॉन्‍ट के किसी व्‍यक्तिगत प्रकार को इधर उधर करते हैं या उसके स्‍थान आदि में परिवर्तन करते हैं, रंग आदि परिवर्तित करते हैं किन्‍तु फॉन्‍ट स्‍टाइल करते समय हम टेक्‍स्‍ट के बेस स्‍टाइल को ही बदल देते हैं । इसके साथ ही हम टेक्‍स्‍ट को छोटा, बडा, पतला, मोटा, तिरछा, सीधा आदि करते हैं ।

आइये इसे करके देखें -

<!doctype html>
<html>
<head>
<title>Learn CSS </title>
<style>
</style>
</head>
<body>
<p id="p1">This is Paragraph One</p>
<p id="p2">This is Paragraph One</p>
<p id="p3">This is Paragraph One</p>
</body>
</html>

यह हमारा बेस कोड है । अब इसमें हम फान्‍ट स्‍टाइल करके देखेंगे ।

फान्‍ट फैमिली -
     फॉन्‍ट फैमि‍ली से तात्‍पर्य होता है बहुत सारे फॉन्‍ट्स में से कुछ को चुनना । जैसे हम अपने पेज के विभिन्‍न ब्‍लाक्‍स में से किसी का फान्‍ट टाइम्‍स न्‍यू रोमन तो किसी का एरियल तो किसी का मंगल आदि फान्‍ट चुनते हैं ।

उदाहरण -
<!doctype html>
<html>
<head>
<title>Learn CSS </title>
<style>
#p1{font-family:times new roman;}
#p2{font-family:arial;}
#p3{font-family:algerian;}
</style>
</head>
<body>
<p id="p1">This is Paragraph One</p>
<p id="p2">This is Paragraph Two</p>
<p id="p3">This is Paragraph Three</p>
</body>
</html>

परिणाम -
how-to-set-css-font-family

फान्‍ट साइज -
     फॉन्‍ट फैमिली सेट करने के बाद दूसरी सबसे महत्‍वपूर्ण चीज होती है फान्‍ट के आकार को चुनना । यदि आप इसे नहीं चुनते हैं तो आपके पेज का सारा कान्‍टेन्‍ट एक ही आकार का हो जाता है जिससे महत्‍वपूर्ण चीजें आसानी से ध्‍यान में नहीं आती हैं व पेज दिखने में सुन्‍दर नहीं लगता । इसके लिये जरूरी है कि जहाँ हेडिंग हो वहाँ फान्‍ट साइज बडा हो, पैराग्राफ अपेक्षाकृत छोटा हो, और अलग-अलग ब्‍लाक्‍स के फॉन्‍ट का साइज भी अलग ही हो ।

उदाहरण -
<!doctype html>
<html>
<head>
<title>Learn CSS </title>
<style>
#p1{font-family:times new roman; font-size:20px;}
#p2{font-family:arial; font-size:25px;}
#p3{font-family:algerian; font-size:10px;}
</style>
</head>
<body>
<p id="p1">This is Paragraph One</p>
<p id="p2">This is Paragraph Two</p>
<p id="p3">This is Paragraph Three</p>
</body>
</html>

परिणाम -
how-to-set-css-font-size

फान्‍ट स्‍टाइल -
     फॉन्‍ट का आकार सेट कर लेने  के बाद आप को तय करना होता है कि किस पंक्ति को मोटा, करना है, किसे टेढा करना है और किसे नार्मल रखना है । इस डिजाइन के लिये आपके पास दो विकल्‍प होते हैं । पहला फान्‍ट स्‍टाइल जिसके तीन विकल्‍प होते हैं -
नार्मल, इटैलिक और आब्‍लीक । इटैलिक और आब्‍लीक बहुत हद तक एक ही चीजें हैं । देखें -

उदाहरण -
<!doctype html>
<html>
<head>
<title>Learn CSS </title>
<style>
#p1{font-family:times new roman; font-style:normal;}
#p2{font-family:arial; font-style:italic;}
#p3{font-family:algerian; font-style:oblique;}
</style>
</head>
<body>
<p id="p1">This is Paragraph One</p>
<p id="p2">This is Paragraph Two</p>
<p id="p3">This is Paragraph Three</p>
</body>
</html>

परिणाम -
how-to-set-css-font-style

फान्‍ट वेट -
दूसरा विकल्‍प है फान्‍ट वेट । इसके भी तीन उपविकल्‍प होते हैं -
नार्मल, लाइटर, बोल्‍ड । नार्मल और लाइटर का प्रभाव लगभग एक जैसा होता है । बोल्‍ड विकल्‍प फान्‍ट को मोटा कर देता है ।

उदाहरण -
<!doctype html>
<html>
<head>
<title>Learn CSS </title>
<style>
#p1{font-weight:normal;}
#p2{font-weight:lighter;}
#p3{ font-weight:bold;}
</style>
</head>
<body>
<p id="p1">This is Paragraph One</p>
<p id="p2">This is Paragraph Two</p>
<p id="p3">This is Paragraph Three</p>
</body>
</html>

परिणाम -
how-to-set-css-font-weight

फान्‍ट वैरियन्‍ट - 
     फान्‍ट वैरियेन्‍ट दो प्रकार का होता है -
नार्मल तथा स्‍माल-कैप्‍स । इसका प्रयोग निम्‍न प्रकार किया जाता है -

<!doctype html>
<html>
<head>
<title>Learn CSS </title>
<style>
#p1{font-variant:normal;}
#p2{font-variant:small-caps;}
</style>
</head>
<body>
<p id="p1">This is Paragraph One</p>
<p id="p2">This is Paragraph Two</p>
</body>
</html>

परिणाम -
how-to-set-css-font-variant

सीएसएस फान्‍ट स्‍टाइल के लगभग सभी कोड्स को एक साथ एक पंक्ति में अप्‍लाई करने का तरीका निम्‍नलिखित है -

<!doctype html>
<html>
<head>
<title>Learn CSS </title>
<style>
p{font:italic bold 20px/30px algerian, serif;}
</style>
</head>
<body>
<p>This is Paragraph One</p>
</body>
</html>

परिणाम -
how-to-set-css-font-style-codes-in-short

   इस पोस्‍ट में हमने फान्‍ट को स्‍टाइल करना सीखा । इसमें जो कुछ भी समझ में कम आया हो या न आया हो उसे कृपया टिप्पणी बाक्‍स में लिखें ।

Comments

  1. Popular Computer Tips and Tricks in Hindi
    Learn How to Make Money Online in Hindi
    www.populartips4u.com

    ReplyDelete

Post a Comment

Popular posts from this blog

एचटीएमएल संरचना ।

पिछले पाठ में हमने एचटीएमएल का एक प्रारूप देखा । यहाँ पर उस प्रारूप की व्‍याख्‍या की जायेगी । इस अध्‍याय को लिखते समय हम यह मानकर चल रहे हैं कि वेबडिजाइनिंग सीखने की इच्‍छा रखने वाले को सामान्‍य कम्‍प्‍यूटर ज्ञान जैसे कि कम्‍प्‍यूटर की कोई फाइल या फोल्‍डर खोलना, बन्‍द करना, किसी प्रोग्राम को खोलना, नया फोल्‍डर बनाना, किसी फाइल को खोलना, उसपर काम करना, उसे सेव करना तथा डिलीट करना आदि । इसलिये हम इन सभी बातों को बताने की अपेक्षा सीधे एचटीएमएल की तरफ चलते हैं । एचटीएमएल का फुलफार्म - HTML = Hyper Text Markup Language एचटीएमएल संरचना - पिछले पाठ में हमने निम्‍न कोडिंग का प्रयोग किया था । <!DOCTYPE HTML> <html> <head> <title>My First Html Page</title> </head> <body> Hello World </body> </html> अब इस कोडिंग की पूरी व्‍याख्‍या यहाँ प्रस्‍तुत की जा रही है ताकि आप एचटीएमएल को पूरी तरह समझ सकें । यह ध्‍यान रखें कि एचटीएमएल वेबपेज बनाने का सर्वप्रथम सोपान है, बिना इसके सीखे आप वेबपेज नही बना सकते हैं । <!DOCTYPE

एचटीएमएल सीखें - हिन्‍दी में ।।

मित्रों       वेबसाइट डिजाइनिंग सीखने के शुरुआती दिनों में ज्‍यादा तकलीफ इसी लिये हुई कि कई सारी चीजें अंग्रेजी में समझ में आती ही नही थीं । फिर घर से दूर जाकर सीखने के लिये समय का अभाव भी था । इन्‍ही बातों को ध्‍यान में रखते हुए मेरे जैसे बाकी लोगों को ये समस्‍या न आने पाये, इसके लिये ही हिन्‍दी में में यह ट्यूटोरियल ब्‍लाग प्रारम्‍भ किया जा रहा है ।      इस ब्लाग पर सबसे पहले एचटीएमएल जो कि वेबसाइट बनाने के लिये सर्वप्रथम व अनिवार्य डिजाइनिंग भाषा है को सिखाया जायेगा । जिससे कि आप सभी कुछ सामान्‍य व आवश्‍यक चीजों को जान सकें । आवश्‍यकता -  एचटीएमएल सीखने के लिये प्राथमिक आवश्‍यकता मात्र एक कम्‍प्‍यूटर सिस्‍टम जिसमें कि एक इण्‍टरनेट ब्राउजर तथा एक टेक्‍स्‍ट एडिटर (उदा. नोटपैड) हो की है । यदि आपके पास विन्‍डोज सिस्‍टम है तो इसमें इण्‍टरनेट एक्‍सप्‍लोरर इण्‍टरनेट ब्राउजर   तथा नोटपैड पहले से ही होता है । अन्‍य इण्‍टरनेट ब्राउजर्स में मोजिला का फायरफॉक्‍स, गूगल क्रोम, सफारी आदि कई हैं । इनमें से जो भी चाहें प्रयोग कर सकते हैं । यदि फायरफाक्‍स का प्रयोग करें तो अधिक आसानी

एचटीएमएल हेड सेक्‍सन (शीर्ष विभाग) ।।

     पिछले पाठ में हमने एचटीएमएल पृृष्‍ठ की सामान्‍य संरचना पढी । इस पाठ में हम वेब पेज के निर्माण में लगने वाली मूलभूत कोडिंग के विषय में जानेंगे ।      प्राय: सभी एचटीएमएल शिक्षक एक एक विषय को पकडकर एचटीएमएल कोडिंग सिखाते हैं जो निश्‍चय ही एक अत्‍यन्‍त महत्‍वपूर्ण व बेहतर तरीका है । किन्‍तु यह तरीका उन लोगों के लिये कम कारगर है जो कम समय में ज्‍यादा सीखना चाहते हैं । इसलिये यहाँ पर सिखाने का तरीका '' सरल से जटिल '' की आेर पर आधारित है  ।     आज के पाठ में हम एचटीएमएल के हेड सेक्‍सन में की जाने वाली महत्‍वपूर्ण कोडिंग सीखेंगे । एचटीएमएल हेड सेक्‍सन (शीर्ष विभाग) -      एचटीएमएल का हेड सेक्‍सन वह विभाग है जो हमें वेबपेज के रूप में तो नहीं दिखता है किन्‍तु वेबपेज के दिखने में जिसकी महत्‍वपूर्ण भूमिका रहती है  । इस सेक्‍सन के अन्‍तर्गत की गई कोडिंग्‍स आपके वेबपेज को स्‍टाइल करने के‍ लिये, वेब पेज में स्क्रिप्‍ट डालने के लिये,वेबसाइट की डिसक्रिप्‍शन तथा भाषा आदि बताने के लिये प्रयुक्‍त होती है । हेड सेक्‍सन के अन्‍तर्गत निम्‍न टैग प्रयुक्‍त किये जाते हैं  ।